और इसका मापन कैसे किया जाता है?
पर्यावरण में 21% ऑक्सीजन मौजूद है तथा 71% नाइट्रोजन होती हैं और यही 21% ऑक्सीजन हमारे शरीर में प्रवेश करती है जिससे हम जिंदा रहते हैं जो अशुद्ध होती है इसमें नाइट्रोजन कार्बन
डाइऑक्साइड और ऑक्सीजन व वातावरण में मौजूद समस्त प्रकार की कैसे होती है लेकिन ऑक्सीजन सिलेंडर में भरी हुई ऑक्सीजन गैस 98% तक शुद्ध होती है इसमें किसी भी प्रकार की अशुद्ध ता नहीं होती है
(अलग अलग oxygen कंपनियां अपने तरीके से इसकी शुद्धता का % तैयार करती हैं)
हमारे शरीर में ऑक्सीजन (सैचुरेटेड पल्स ऑक्सीजन ) 94% से कम नहीं होना चाहिए । इससे कम होती है तो हमारे शरीर में Oxygen की कमी होने लगती हैं । तथा घबराहट और बैचेनी बड़ने लगती हैं
अब हम पल्स ऑक्सीमीटर के बारे में जानेंगे ये होता क्या हैं?
ये मशीन दिखती कैसी हैं?
पल्स ऑक्सीमिटर एक छोटी सी मशीन है जो 60 से 90 सेकंड में हमारे शरीर में Oxygen कितना हैं हमारे शरीर में पल्स कितना है हमारे शरीर में परफ्यूशन इंडेक्स कितना हैं ये तीनों को बहुत ही कम समय में पता कर हमे सटीक परिणाम देती हैं
नीचे दिए चित्र में पल्स ऑक्सीमीटर मशीन हैं
अब हम तीनों कार्य को समझते हैं
1.) Puls oximeter (PO) - इस मशीन को सीधे हाथ की अनामिका (अंगूठे के पास की उंगली) मैं लगाया जाता है saturated pulse oxygen को को बताती है जिसे संक्षिप्त रूप में
SPO2 % यह हमारे शरीर में 94% से ज्यादा होना चाहिए से इससे कम नहीं होना चाहिए । (Oxygen level)
2.) Puls rate (PR) - शरीर के अंदर पल्स रेट 60 से 90 के बीच होना चाहिए । (हार्ड बीट)
3.) Perfussion index (PI) - परफ्यूशन इंडेक्स यह 2 से 20 के बीच होना चाहिए । किंतु 0.5 से कम कभी नहीं होना चाहिए क्योंकि यह ब्लड के अंदर आक्सीजन की उपस्थिति को दर्शाता है कि अंतिम नब्ज़ तक अर्थात कितनी मात्रा में नब्ज (धमनी शिरा) को oxygen मिल रही हैं । इससे कम होगी तो इसका मतलब है कि शरीर के अंतिम अंग को ऑक्सीजन नहीं मिल रही है 2 से 20 के बीच होना चाहिए ।
(नोट – ऑक्सीजन अन्य उपकरणों एवम् मशीन द्वारा मापी जाती हैं)
तो आज हमने पल्स ऑक्सीमीटर को जाना और शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा को समझा ।
इस लेख में महत्वपूर्ण जानकारी आपसे साझा की गई है जो आपको जागरूक बनाएगी और आपके लिए ज्ञानवर्धक साबित होगी । इस लेख को आगे भी भेजे जिससे अन्य लोगो को यह महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हो सकें ।
Information shared by you is really informative and is in the favour of those who are in dilema regarding oxygen level in the body during this pandemic.
जवाब देंहटाएं