विषाणुओं(वायरस) का एक समूह है जो स्तनधारियों (मानव) में रोग उत्पन्न करता है। यह एक आरएनए (RNA) वायरस हैं। इसके कारण मानव में श्वास तंत्र मे संक्रमण होता है जिसकी गहनता हल्की (जैसे सर्दी-जुकाम) से लेकर अति गम्भीर (जैसे, मृत्यु) तक हो सकती है। इनकी रोकथाम के लिए कोई टीका (वैक्सीन) या
विषाणुरोधी (antiviral) अभी उपलब्ध नहीं है और उपचार के लिए मानव के प्रतिरक्षा तंत्र पर निर्भर करता की वह कितना मजबूत हैं इसकेे साथ अन्य रोग व लक्षणों (जैसे कि निर्जलीकरण या डीहाइड्रेशन, ज्वर, आदि) का उपचार किया जाता है ताकि संक्रमण से लड़ते हुए शरीर की शक्ति बनी रहे। तथा वेक्सीन जो की हमारी इम्यूनो सिस्टम को मज़बूत बनाए रखे एवम वायरस से लड़ने की शक्ति प्रदान करें ।
1.) Primary Corona virus - जिसकी शुरुआत चाइना के हुवान शहर से 2020 में शुरू हुई थी ।
2.) New stran - जो 2021 में आया है ये शरीर में oxygen की मात्रा को बहुत कम कर दे रहा हैं । यानी सांस लेने में तकलीफ को जन्म दे रहा हैं । इसमें व्यक्ति के बहुत कम चांस होते हैं बचने के ।
3.) Post vaccine corona - यहां करोना उन व्यक्तियों को होता है जिनको वैक्सीन लग चुकी है उसके 10 से 15 दिन बाद यदि किसी व्यक्ति में कोरोना के लक्षण दिखाई देते हैं या पाया जाता है तो उसे पोस्ट वैक्सीन कोरोना कहते हैं इसमें व्यक्ति को ज्यादा खतरा नहीं होता है मरीज को या व्यक्ति को अन्य कोई बीमारी है तो कुछ कहा नहीं जा सकता ।
4.) Re- infected corona - इसको आप इस प्रकार से समझे की व्यक्ति को 1 महीने या 2 महीने बाद कोरोना वापस हो गया हो तो इसमें भी ज्यादा जान की हानि नहीं है और किसी प्रकार का ज्यादा खतरा नहीं रहता है यदि मरीज को अन्य कोई बीमारी है तो कुछ कहा नहीं जा सकता ।
तो हमने इस लेख में जाना की कोरोना वायरस क्या हैं कितने प्रकार का हैं और अब यह new stran में चल रहा हैं जो की हमारे भारत देश में एक विकराल रूप धारण कर चुका हैं ।
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Good informations
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