जन्मदिन की शुभकामनाएं कविता के शब्दों से

Q
बात सुबह सुबह की है मैं सोकर ही उठा था सोचा मोबाइल चार्ज कर लेता हूं लेकिन उससे पहले मेरा मन हुआ डाटा ऑन कर व्हाट्सएप चेक करने का, मैंने चेक किया कुछ मैसेज पढ़े थे मैं उन्हें न खोल कर स्टेटस देखने लग गया उसमें मुझे सबसे अजीज जीजू के जन्मदिन विश दिखाई दी साथ में दीदी भी थी।
मेरे मन मस्तिष्क में एक खयाल आया और मैंने दोनों के मुखड़ो को देखकर कुछ शब्द लिखने लगा -

तोहफ़ा हैं मेरा शब्द का,
भावनाओं से पढ़कर स्वीकार कीजिए ।
नव पल्लव की तरह खिलेंगे शब्द मेरे पुलकित आपके मन में ।

कड़कती ठंड में शब्दों की शुभकामनाएं लाया हूं
धूप निकली है यहां तो आपके शहर भी भिजवाया हूं ।
अगर राह में धुंध आई तो कुछ क्षण भर रूक जाएगी
लेकिन खुशियां आपके द्वार तमाम आयेगी ।

चेहरे पर तेज़, माथे पर न सिखन हो
प्रत्येक सुविधाओं से भरपूर आपका जीवन हो।

सरल स्वभाव लक्ष्य पर अडिक हो
सुंदर जोड़ी रहे कभी न विध्न हो।

कर्म में लीन हर स्वप्न हो
ओर हर स्वप्न में आपका दर्पण हो।
                  (फ़ोटो- माता पूजन के दिन कि)

गुंजाए मान हो मधुर ध्वनि आपके जीवन में 
क्षणिक न कभी विरल हो ।

सरल सकल स्वभाव बने हंस मुख बने वाणी,
हर कष्ट ऐसे उतरे जैसे जीज पुरानी ।

जीवन में हो नवाचार लक्ष्य मिले दिनों दिन 
मुबारक हो आपको आपका जन्मदिन 
हो प्रतिदिन रोशन मौसम खुशवार हो
खुश रहे आपकी जोड़ी प्यार बे शुमार हो ।

आपका
अनुज संतोष तात्या (- tatya 'luciferin' )





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